About Me

My photo
delhi, India
I m a prsn who is positive abt evry aspect of life. There are many thngs I like 2 do, 2 see N 2 experience. I like 2 read,2 write;2 think,2 dream;2 talk, 2 listen. I like to see d sunrise in the mrng, I like 2 see d moonlight at ngt; I like 2 feel the music flowing on my face. I like 2 look at d clouds in the sky with a blank mind, I like 2 do thought exprimnt when I cannot sleep in the middle of the ngt. I like flowers in spring, rain in summer, leaves in autumn, freezy breez in winter. I like 2 be alone. that’s me

Thursday, September 1, 2011

....एक और अफसोस


तुम 1 सितंबर की वापसी की फ्लाइट बुक कर लो.. बस मै कुछ नहीं जानती। बर्थडे वाले दिन मेरे साथ रहना मैने कुछ प्लान किया है। 
- माही ऐसा नहीं हो सकता... मै ईद पर घर जा रहा हूं और मै ईद के अगले दिन वापस नहीं लौट सकता। 27 अगस्त को जाऊंगा और 3 सितंबर को ही लौटूंगा। तुम मेरा बर्थडे 3 को ही मना लेना। 
बस कुछ इसी तरह की बहस पूरा अगस्त मेरे और शारिक के बीच चली। ईद के लिए शारिक घर जा रहा था और मै उसे बस इतना रिक्वेस्ट करती रह गई कि जन्मदिन वाले दिन दिल्ली लौट आना, फिर हम जयपुर चले जाएंगे। लेकिन शारिक अपनी जिद में और जिद में मै भी कम नहीं हूं। पता था इतना लड़ाई झगड़ा करके भी उसका फैसला नहीं बदलेगा लेकिन फिर भी...... इतना झगड़ा हुआ जिसकी कोई हद नहीं। 27 की सुबह शारिक और काशिफ दिल्ली पहुंच गए। शारिक की दोपहर को फ्लाइट थी, मुझे पता था दिल्ली आने के बाद उसे जरूर मेरे ऊपर प्यार आएगा। लेकिन इस बार मेरा गुस्सा आपे से बाहर था, उसके जाने के करीब चार दिन पहले से मैने उससे बात करनी बंद कर दी थी। उस दिन सुबह से ही मैने फोन बंद करके रखा था, ऑफिस की छुट्टïी भी थी चाहती तो जाकर मिल सकती थी लेकिन मैने भी ठान ली थीए इस बार मुझे कॉम्प्रोमाइज करना ही नहीं है। 
खैर शारिक ने बहुत कोशिश की और आखिर फ्लाइट के टाइम से पहले एसएमएस कर दिया कि निकल रहा हूं। तकलीफ हो रही थी, पर मै पता नहीं मन ही नहीं हुआ। हमेशा से मै चाहती हूं कि शारिक घर और मुझे बैलेंस करके चले, लेकिन वो ऐसा कभी नहीं करता। घर पहुंचकर भी उसने बहुत बार फोन किया लेकिन मैने उठाया ही नहीं। कल ईद थी और आज उसका बर्थडे है । ये पहली ईद और बर्थडे है जब मैने उससे बात नहीं की है। बहुत सारे अफसोस है जिंदगी में एक और अफसोस सही। 

5 comments:

  1. Ye sub kar ke tumne khud ko hi kasht diya hai Mahi. Tumhe aisa nahi karna chahiye they... Ek atcha insaan wohi hota hai jo apne Gusse aur ghamand ko control kar le.. usse control karna seekho... aur fir dekhna jeevan ka mazaa....

    ReplyDelete
  2. sbse pahle to happy birthday to Shariq.
    aur mahi tumne usse jyada khud ko punish kr liya... ....Har pal yahaan jee bhar jiyo...phir ye sama kal ho na ho islye ab mna lo :)

    ReplyDelete
  3. @kuch kahna hai : shuqriya... haan punishmnt hi hua :(

    ReplyDelete
  4. अफ़सोस... ये भी एक तोहफा है जीवन का:(

    ReplyDelete