अचानक तड़के आंख खुल गई, आंख खुलते ही अजान की आवाज कानों में गूंजी। जब आंख खुली तो उठकर बैठी फिर याद आया कि आज ईद है। एक अजीब सी सरसराहट दौड़ गई पूरे शरीर में कि कितना अच्छा इत्तेफाक है ईद में अजान सुनकर आंख खुली, वरना तो मम्मी के चिल्लाने पर भी नींद नहीं टूटती। मुझे इस्लामिक नियमों का तो नहीं पता लेकिन दिल ने दुआ जरूर की...
शारिक ईद के लिए दिल्ली में ही है, उसके और काशिफ के लिए ईद के कपड़े भी मैने यहीं से ले लिए थे। दोनों के लिए दो खूबसूरत रंग के कुर्ते खरीदे। ये सब करते हुए बहुत अच्छा लग रहा था। मन में बार-बार एक ही बात आती है कि ऊपर वाला हमेशा मुझे ये मौका दे। बहुत कोशिशों के बाद भी रिश्ता सही दिशा में नहीं जा पा रहा है। अब न तो उसके पास बहुत वक्त है और न मेरे पास। रात को आंख बंद करते वक्त और सुबह आंख खोलते वक्त एक ही दुआ करती हूं कि ऊपर वाला इस रिश्ते को धर्म से ऊपर कर दे और हम इसी तरह हर त्योहार एक साथ मनाएं।
..... आमीन
शारिक ईद के लिए दिल्ली में ही है, उसके और काशिफ के लिए ईद के कपड़े भी मैने यहीं से ले लिए थे। दोनों के लिए दो खूबसूरत रंग के कुर्ते खरीदे। ये सब करते हुए बहुत अच्छा लग रहा था। मन में बार-बार एक ही बात आती है कि ऊपर वाला हमेशा मुझे ये मौका दे। बहुत कोशिशों के बाद भी रिश्ता सही दिशा में नहीं जा पा रहा है। अब न तो उसके पास बहुत वक्त है और न मेरे पास। रात को आंख बंद करते वक्त और सुबह आंख खोलते वक्त एक ही दुआ करती हूं कि ऊपर वाला इस रिश्ते को धर्म से ऊपर कर दे और हम इसी तरह हर त्योहार एक साथ मनाएं।
..... आमीन
आमीन!
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