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delhi, India
I m a prsn who is positive abt evry aspect of life. There are many thngs I like 2 do, 2 see N 2 experience. I like 2 read,2 write;2 think,2 dream;2 talk, 2 listen. I like to see d sunrise in the mrng, I like 2 see d moonlight at ngt; I like 2 feel the music flowing on my face. I like 2 look at d clouds in the sky with a blank mind, I like 2 do thought exprimnt when I cannot sleep in the middle of the ngt. I like flowers in spring, rain in summer, leaves in autumn, freezy breez in winter. I like 2 be alone. that’s me

Saturday, December 24, 2011

मैंने टूटता तारा देखा

God has a big plan for me. Just not in this life
 नहीं बात करनी मतलब नहीं करनी, मत करो मुझे बार-बार फ़ोन. मन नहीं माना फिर फ़ोन घुमाया लेकिन शारिक ने भी बात ना करने की थान ली थी. थक कर मैंने भी फिर फ़ोन नहीं किया. बहुत देर बस स्टॉप पर बैठी रही, सोचा एक बार और कोशिश करती हूँ पर मन जानता था की कोशिश बेकार ही होगी. एकाएक पुराना वक़्त याद आया जब रूठना मनाना चलता था लेकिन उसमें कडवाहट नहीं होती थी. बहुत बुरा लग रहा था, वहां अकेले बैठकर और ख़राब लग रहा था. अचानक काशिफ का फ़ोन आया, फ़ोन उठाकर कुछ बोल ही नहीं पाई, पलकें ऐसी भरी थी कि ना चाहते हुए भी आंसू निकल पड़े. मेरे कुछ बोलने से पहले ही वोह समझ गया. मैंने उससे कहा मै बाद में बात करती हूँ.
अब बस स्टॉप, ठंडा मौसम, हवा, आस-पास कि चहल-पहल सब मुझे चुभने लगा था. मैंने उसे डायल करने क लिए फिर फ़ोन निकला लेकिन फ़ोन नहीं किया. सब-कुछ बिखरा-बिखरा लग रहा था, मै अब थक गयी थी और सोना चाहती थी. बस लिया, हर थोड़ी-थोड़ी देर में फ़ोन चेक करती कि कहीं उसने फ़ोन किया हो लेकिन मैंने नहीं उठाया. इसी सब में मेरा बस स्टॉप आ गया, मै घर कि तरफ बढे लगी. बहुत ज्यादा किसी से बात नहीं कि, उखाड़ा मिज़ाज देखकर माँ कुछ देर बद्बदायी. लेकिन मैंने सब अनसुना कर दिया. 
बालकोनी में जाकर बैठ गयी, माँ चिल्ला भी रही थी कि इतनी ठण्ड में बहार बैठी है, दिमाग ही ख़राब हो गया है इस लड़की का. मै कुछ नहीं सुनना चाहती थी, किसी से बात करने का भी मन नहीं था. अपने ही ख्यालों में इतनी उलझी थी कि तभी मुझे आसमान में एक टूटता तारा उटज आया, छोटे बच्चों कि तरह आँख बंद किया, "मन से  निकला अब मैं थक गयी हूँ, मुझे ज़िन्दगी अच्छी नहीं लग रही, मै इसे और नहीं चाहती... ये क्या माँगा मैंने टूटते तारे से? मै ऐसी तो नहीं थी? इतनी नेगेटिविटी कब से आ गयी मेरे अन्दर? ज़िन्दगी को हर पल जीने कि ख्वाहिश वाली माही अब ज़िन्दगी से थक गयी है.....

3 comments:

  1. aisa nahi hota mahi ji
    khush rhiye muskurati hammmesha
    han waqt kabhi kabhi bura bhi aata hai
    pr ye bhi hakikat hai ki jada der rukta nhi
    so smile and love ur beautiful life
    wishes on christmas :)

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  2. sahi kaha aapne.. now m happy, see my new post..thnx 4 ur wishes :)

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  3. Some moments in life are such... full of negativity, but it is from the same negativity that ushers the fountain of positivity!

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