माही परियों की कहानी से बाहर आओ...हकीकत को थोड़ा समझो, सब तुम्हारी परियों की कहानी की तरह हुआ, हम एकदूसरे से मिले, साथ रहे, इतना अच्छा वक्त बिताया, हमने बड़ी कार ली, इतना बड़ा घर लिया लेकिन कुछ चीजें तुम्हारी कहानी के हिसाब से नहीं होंगी। हम दोनों ने इसके लिए भरपूर कोशिश कर ली है, नतीजा तुम देख चुकी हो....कुछ फैसले हमारे हाथ में नहीं होते, कुछ अनचाही बातें जिंदगीभर साथ चलती है...मै खामोशी से उसकी बात सुन रही थी, वो परेशान था, हर दिन मुझे नए तरीके से ना जाने क्या समझाने की कोशिश करता है जो कि मुझे समझना ही नहीं है। मैने चुपचाप सब सुना फोन रख दिया...
उसकी कही एक-एक बात मेरे जहन से नहीं उतर रही थी, ऐसा लग रहा था मानो कह रही हो इस बारे में सोचने को। मुझे बस याद आ रहा था जब गाड़ी छोटी थी, पास में अपना घर नहीं था लेकिन उन दिनों हमारे पास खुशियां बड़ी-बड़ी थी। बारिश की बूंदों में एक दूसरे का इंतजार करने में भी खुशी थी, रूठना-मनाना भी जैसे कितना खास कुछ होता था लेकिन अब...मै पता नहीं क्या सोच रही थी, बाहर तेज धूप थी, गर्म हवाएं चल रही थी, मै अपनी धुन में चल रही थी, उसी सीसीडी की तरफ जहां मै अक्सर जाती हूं, अकेले...थोड़ी देर बाद फोन बजा, शारिक था...तुम बात करो माही, तुम्हारी खामोशी से डर लगता है, तुम चिल्लाओ लेकिन फोन मत रखो। लेकिन मुझे कुछ बात नहीं करनी थी, गुस्सा भी नहीं आ रहा था, मैने फोन नहीं काटा।
वो समझ गया था कि उसकी बात से मेरा मन उदास हो गया है। लेकिन अब वो हंसाने की कोशिश कर रहा था, हमेशा की तरह, पर मेरा मन अब उदास हो गया था। उसकी बातें मेरे दिमाग में चल रही थीं, अचानक शारिक मुझसे पूछा अच्छा माही बताओ मै वीकएंड में आ रहा हूं बोलो तुम्हारे लिए क्या लेकर आऊं? मै पहले बहुत देर चुप थी लेकिन फिर मै बोली मुझे एक परियों की कहानी दे दो ना!!!
ऐ परी......कहानी का राजकुमार तो पास है ही....दोनों मिल के मुक्कमल कहानी बना ही डालो अब.......
ReplyDelete:-)
अनु
:) :)
ReplyDeleteवही तो, परी भी है राजकुमार भी है लेकिन आँख खुलती है तब एहसास होता है यह तो कहानी है
kahani ko hakikat ka madda banane ki takat bhi tumhare paas hi hai
ReplyDeleteghuma do jaadu ki chhadi uske baad dekho chamatkar...
"मुझे एक परियों की कहानी दे दो ना....."
ReplyDeleteबहुत प्यारा सा लगा ये :) :)
आपके ब्लॉग पर वक्त गुज़ारना आज कितना अच्छा लगा बता नहीं सकता हूँ...कमाल का लिखती हैं आप...बहुत क्यूट एंड स्वीट सी पोस्ट्स हैं :)
@ Abhi : शुक्रिया... आपका स्वागत है मेरी इस छोटी सी दुनिया में :) :)
ReplyDeletevery sweet :)
ReplyDeleteपरी लोक सा कुछ घटित होता जीवन में भी...
ReplyDeleteकाश!