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clicked by: Mahi S |
तेज़ बारिश मानो मुझे अपने साथ कहीं ले जाना छह रही थी...बहुत दूर कहीं...छाता था साथ में, लेकिन बारिश की बूंदे उन दिनों के एहसास को जीने कह रही थीं. सच ही तो तेज़ हवाओं और आसमान से बरसते पानी ने सब कुछ याद दिला दिया. तुम्हारे साथ बारिश में भीगना।..जानबूझकर तेज़ बारिश में कार से बहार निकलना और मुझे भी बारिश में खींचना...घर की बालकोनी में खड़े होकर उजले आसमान को देखना और एक दुसरे की और देखकर बिना बोले ही मुस्कुराना...तुम्हारे बार बार ऑफिस से निकलने की जिद करना और मेरा कहना की कैसे आऊं बॉस मौसम की भाषा समझता ही नही है...फिर भी तुम्हारा घंटों ऑफिस के बहार मेरे लिए इंतज़ार करना..मेरे आने पर सीसीडी में साथ बैठकर कॉफ़ी पीना...घर लौटे वक़्त इंडिया गेट में हाथों में हाथ डाले टहलना और ठंडी हवा क बीच एक ही भुट्टे को खाना...कुछ ख़ास तो था उन दिनों में.....
और आज....
बारिश भी वहीँ है हम-तुम भी वही लेकिन बारिश की बातें महज़ एक sms से हो जाती है...फोन करके थोड़ी बात...या फिर मेरे फोन करने पर तुम्हारा कहना थोडा बिजी हूँ अभी तुम्हे फोन करता हूँ।..और बाद में जब तुम्हारा फोन आता भी है तो बारिश की वो ठंडक उमस बन चुकी होती है....न तो वोह बालकोनी है न तुम दिल्ली में...तुम्हारा कहना ठीक है वक़्त क साथ रिश्ता मज़बूत होता है...चीज़ें बदलती हैं, गंभीर होती हैं...लेकिन मेरे लिए तो वक़्त वही था...बारिश.. इंडिया गेट.. कॉफ़ी.. इंतज़ार..भुट्टा...बालकोनी...कुछ तो ख़ास था उन दिनों में...या तो वक़्त ख़ास था या फिर बारिश!!!
वक्त वक्त की बात है............
ReplyDeleteकुछ भी कभी भी एक सा नहीं रहता............
I TOO MISS THOSE DAYS...WHEN WE WERE ALWAYS READY TO GET WET!!!
:-(
ANU
:(
ReplyDeleteसमय, स्थान, परिस्थितियाँ बदलती ही रहती है , यही सच है
ReplyDeleteपर अंदर जो प्यार और जज्बात है एक दूसरे के लिए, वो नहीं बदलनी चाहिए .....
सुंदर यादें भीगोती हुई ...
i agree with expression. nice post
ReplyDeleteतो बारिश की वो ठंडक उमस बन चुकी होती है... bahut khoob!
यादों को संजोय रखना ...वक्त का एहसास करती हैं
ReplyDeleteबीते समय का .....
शुभकामनाएँ!
वो वक्त खास था, वो लम्हे खास थे...तभी तो वो बारिश आज भी तुम्हें याद है, वर्ना तो बारिश हर सावन में आती है और भादो तक तन-मन को भिगोने की कोशिश करती रहती है, लेकिन बर्षों-बरस पता भी नहीं चलता कि कब सावन-भादो गुजर गई...और उम्र बीत जाती है
ReplyDeleteभीगते तो अब भी हैं पर अब मन नहीं भीगता | हां ! कुछ लम्हे ही ख़ास होते हैं किसी ख़ास की वजह से |
ReplyDeleteबढ़िया शब्द चित्र ...
ReplyDeleteशुभकामनायें !
@ All : thnk YOU :)
ReplyDelete:-)
ReplyDeleteआशीष
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इन लव विद.......डैथ!!!
जब मन बिल्कुल शांत हो और यादें ताजा, फिर वक्त के इस बदलाव को मन मानने इंकार कर देता है. रिश्ते कितने मज़बूत होते हैं नहीं पता लेकिन उन दिनों की यादें कसक दे जाती है. सुन्दर लिखा है, शुभकामनाएँ.
ReplyDelete@ डॉ. जेन्नी शबनम : शुक्रिया :)
ReplyDeletewelcome here
:) :) बहुत खूबसूरत!!! :)
ReplyDelete@ Abhi : thnk u :)
ReplyDeleteबीते पल ख़ास तो होते ही हैं... वे ख़ास बातें बार बार घटित हों जीवन में... यही शुभकामना है!
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