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delhi, India
I m a prsn who is positive abt evry aspect of life. There are many thngs I like 2 do, 2 see N 2 experience. I like 2 read,2 write;2 think,2 dream;2 talk, 2 listen. I like to see d sunrise in the mrng, I like 2 see d moonlight at ngt; I like 2 feel the music flowing on my face. I like 2 look at d clouds in the sky with a blank mind, I like 2 do thought exprimnt when I cannot sleep in the middle of the ngt. I like flowers in spring, rain in summer, leaves in autumn, freezy breez in winter. I like 2 be alone. that’s me

Wednesday, July 25, 2012

नीला आसमां सो गया...


सामान्य दिन से अलग थी कल की शाम, अजीब एकदम...खामोश! मै बार-बार उसका फोन मिला रही थी, एक बार भी कोई जवाब नहीं मिल रहा था। ऑफिस में भी फोन किया किसी को कोई जानकारी नहीं...मन डरा हुआ था, पूरा दिन गुजर गया था, एक बार  भी कोई बात नहीं। मौसम अपने हिसाब ने नर्म-गर्म हो रहा था....उसमें भी बेचैनी थी। मन जानता था क्या चल रहा है...कहीं न कहीं कई सालों से इस बात का अंदाजा था...लेकिन पागल है ना क्या करें मानना ही नहीं चाह रहा था। 
अभी उधेड़बुन में ही थी कि शाम की अजान सुनाई पड़ी। अब मुझसे और नहीं रहा जा रहा था। घर में कोई नहीं था, बार-बार फोन मिलाकर मेरी अंगुलियां भी थक रही थीं। आसमां गहरे नीला रंग ओढ़े फैला हुआ था, अब बाहर अंधेरा था। मेरी नजरें अब भी फोन पर थीं लेकिन फोन ने भी जैसे खामोशी पी ली हो...मन में इतनी बेचैनी, गुस्सा भी..क्या एक फोन नजर नहीं आ रहा? अब मै किताबों से मन बहलाने की कोशिश कर रही थी, लेकिन एक भी अक्षर पर नजर नहीं ठहर रही थी। दिल की धड़कन इतनी तेज कि मानो अभी बाहर आ जाएगा दिल। फोन बजा...मेरा सीधा सवाल मेरा एक भी फोन नहीं दिखा? शायद उसे मेरा एक शब्द नहीं सुनना था...और कहा...मान जाओ...सब बिखरने से पहले मान जाओ..तुम्हारे अकेले की कोशिश से परंपराएं नहीं टूटेंगी...शाम की खामोशी मुझे अब समझ आ रही थी, एक गहरी बात लिए वो खामोशी मेरे सामने थी...नीला आसमां भी अब सो चुका था...

16 comments:

  1. जब पढ़ती हूँ तुम्हें जाने क्यूँ कुछ उदास सी हो जाते हूँ.....
    अगली पोस्ट में नहीं हंसवाया तो अपनी कुट्टी.......

    अनु

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  2. बहुत खूब ...
    गहन भाव ..

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  3. Hi Mahi!
    Thanks for your kind comment on my post:)
    I came here and liked your blog a lot...this post is wonderful...following you..:)

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  4. @ यशवन्त माथुर : शुक्रिया..हमारे ब्लॉग में आपका स्वागत है :)

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  5. बहुत ही प्यारी और भावो को संजोये

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  6. उमड़ते भींगे और भीने अहसास
    लहजा पसंद आया :-)

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  7. टीस जगाती ... खामोश करती ... भीगे एहसास लिए ....

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  8. बढ़िया एहसासात....
    सादर।

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  9. वाह बहुत ही गहरी भावव्यक्ति , बधाई

    ( अरुन शर्मा = arunsblog.in )

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  10. सब कुछ बिखरने से पहले मान जाओ....

    ओह...... बेहद ही ख़ास एहसास

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  11. शून्य और ख़ामोशी... कितना लड़ते हैं हम इनसे पर फिर भी यही साथ रहते हैं!

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