mansarover flat's main gate, jaipur |
दिल्ली की बारिश की बात ही कुछ और है. हालाँकि दिल्ली में बारिश अब नाम के लिए ही रह गयी है लेकिन फिर भी यहाँ के हर मौसम की अपनी ही खासियत है. एक अजीब सी मोहब्बत है इस मौसम से, बारिश की अपनी ही बात है, सब कुछ उजला, धुला हुआ, और जब बारिश की बूँदें चेहरे को छूती है तो मनो इसका संगीत एक नई ताजगी देता है. हर बरसात के साथ जुडी कुछ ख़ास याद. स्कूल, कॉलेज, ऑफिस हर दौर की कुछ कुछ बातें जो हमेशा ही याद आती है. बचपन में बारिश के पानी को जमा करके उसमें नाव चलाना तो कॉलेज के दिनों में क्लास बंक करके दोस्तों के संग मौज-मस्ती, सड़क किनारे जमा पानी में छई-छप-छई तोह घंटो बारिश में बस स्टॉप में बैठना. इन सब मस्ती के बाद भी मै बारिश के साथ एक ख़ास वक़्त बिताती थी. लेकिन अब वक़्त के साथ सब कुछ छूटता जा रहा है. आज भी बारिश तो होती है लेकिन मौज मस्ती के नाम पर ऑफिस का अपना डेस्क, किताबें, चाय और खिड़की से बहार बरसते पानी का नज़ारा. दिल्ली की भाग-दौड़ वाली ज़िन्दगी में अब फुर्सत के पल कहीं बहुत पीछे छूटते रहे हैं. लें आज भी अगर मौका मिलता है तो मै अपना बैग लिए इंडिया गाते की ओर चल देती हूँ, खुद के साथ थोडा वक़्त बिताने के लिए. सड़क किनारे बच्चों को बारिश में खेलता देख, स्कूल से घर जाते बच्चों को देख, कॉलेज के स्टुडेंट्स को बस स्टैंड में देख वो दिन याद आ जाते हैं. इस तरह चलते-चलते कई बातें आँखों के सामने आती हैं, छोटी-छोटी खुशियाँ आज भी चेरे पर मुस्कान ले आती है. फिर अचानक एहसास होता है न जाने वो वक़्त कहाँ खो गया है. पहले कुछ नहीं होता था लेकिन ढेर सारी खुशियाँ होती थी, आज सब कुछ है लेकिन खुश होने के लिए कुछ नहीं है. ज़िन्दगी इतनी उलझ गयी है की पता ही नहीं है क्या हो रहा है. अब सब कुछ बदल गया है, हमेशा कुछ खोने का डर, वक़्त एक जैसा न होने का दुःख, सब कुछ पहले जैसा न होने की एक खीज है. लगता है वक़्त एकबार फिर पीछे चला जाये. बस ज़िन्दगी खुलकर जीने का मन है, ऐसे जीने का जैसे कल सब ख़तम हो जाएगा, सिर्फ आजभर का वक़्त है.
अपने साथ वक़्त बीतना कितना कुछ दे जाता है...!
ReplyDeleteकल जो 'आज' जीया गया वो आज मुस्कुरा रहा है:)
जीए गए पल को फिर से जी लेने की मासूम चाह... आह! वाह!
ReplyDeleteवक़्त तो बदलता ही है, लोग भी बदलते हैं... ये कुछ सापेक्षिक सत्य हैं! कभी कुछ सच्चा लगता है तो कभी कुछ, पर कुछ ऐसा भी है, जो कभी नहीं बदलता... और ऐसे ही शाश्वत अंश जीवन को बस चलाये चलते हैं!