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delhi, India
I m a prsn who is positive abt evry aspect of life. There are many thngs I like 2 do, 2 see N 2 experience. I like 2 read,2 write;2 think,2 dream;2 talk, 2 listen. I like to see d sunrise in the mrng, I like 2 see d moonlight at ngt; I like 2 feel the music flowing on my face. I like 2 look at d clouds in the sky with a blank mind, I like 2 do thought exprimnt when I cannot sleep in the middle of the ngt. I like flowers in spring, rain in summer, leaves in autumn, freezy breez in winter. I like 2 be alone. that’s me

Saturday, August 31, 2013

'हाथ में है रेत सा इसक़ तेरा...'

मेरे कैमरे की गुस्‍ताख़ी ने सब संजोकर रखा है
घड़ी के हर सेंकेंड को गुजरते देख रही हूं, रात की खामोशी में घड़ी की टिक-टिक मेरे दिल की धड़कन को और बढ़ा रहे हैं. इतना मजबूर खुद को आज से पहले कभी नहीं देखा. 31 अगस्‍त सही रात के 12 बजे हैं,  मै चाहती हूं तुम्‍हें एक बार गले से लगाना और तुम्‍हें जन्‍मदिन की मुबारकबाद देना. Happy Birthday <3
इतने सालों में यह पहला मौका है जब शायद तुम्‍हारा फोन आधी रात
को मेरे नंबर से बिजी नहीं होगा, शायद तुम्‍हारी दुनिया अब अलग है. मेरे साथ नहीं हो, लेकिन शायद इस खलिश को तुम भी महसूस कर रहे होंगे, पता है क्‍यों? क्‍योंकि आदतों को बदलने में थोड़ा वक्‍़त तो लगता है. मुझे आज किसी ने कहा, 'अब जिंदगी में आगे बढ़ो, तुम्‍हारी मुट्ठी से रेत छूट गई है.' मैने चुपचाप सुना, फिर थोड़ी देर बाद उन्‍हें कहा, मुट्ठी से रेत तो फिसल चुकी है पर हाथ खोलकर देखती हूं तो कुछ चमक हथेली में दिखती है, तो आगे कैसे बढूं?
तुम्‍हारे एक बर्थडे का डिनर, जयपुर
बस इतना अंदाजा लगा पाई हूं कि जिंदगी आसान नहीं है और तुम्‍हारे बिना तो बिल्‍कुल नहीं. पिछले साल आज के दिन जयपुर बस स्‍टॉप पर थी, तुम पहुंचे भी नहीं थे मुझे लेने. झगड़ा भी हुआ था क्‍योंकि देर रात मै अकेले आ रही थी वो भी तुम्‍हें बिना बताए. कितना नाराज हुए थे तुम उस दिन. क्‍योंकि तुम भी शहर से बाहर जाने के लिए निकल पड़े थे और इसलिए सिंधि कैंप बस स्‍टॉप पहुंचने में भी तुम्‍हें वक्‍त लगा. बस स्‍टॉप में इंतजार करते हुए साढ़े ग्‍यारह बजे से रात के दो बज चुके थे. उसके बाद भी ठीक से बात नहीं हुई थी, क्‍या पता था उस रात का अफसोस आज इतनी बुरी तरह होगा. शायद इसलिए कहा जाता है, जब जो वक्‍त हो उसे पूरी तरह जी लेना चाहिए पता नहीं वो वक्‍त दोबारों जिंदगी में आए या नहीं.
बस इस पल एक ही दुआ करती हूं अल्‍लाह तुम्‍हारी हर जायज तम्‍मनाओं को पूरा करें और जिंदगी में नई सरबुलंदियां अता फरमाये...आमीन. 

11 comments:

  1. आपकी यह रचना आज रविवार (01-09-2013) को ब्लॉग प्रसारण पर लिंक की गई है कृपया पधारें.

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  2. आपकी सारी दुआयें क़ुबूल हों!
    और आपके लिए की गयी हमारी दुआयें भी सुने उपरवाला...

    शुभकामनाएं!

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  3. बहुत सुन्दर.
    http://dehatrkj.blogspot.com

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  4. आपकी दुआएँ कुबूल हों । आमीन !

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  5. बेह्तरीन अभिव्यक्ति …!!शुभकामनायें.
    http://saxenamadanmohan1969.blogspot.in/
    http://saxenamadanmohan.blogspot.in/

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  6. sweet feelings and memories.... sb apni life me inn feelings se gujarte hai pr abhivyakt karna wo bhi itne khoobsurat tarique se....impossible
    keep it up

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  7. maybe they are right.. you gotta move ahead..

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