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clicked by: Mahi S |
S : हां हां ठीक है...मै कोशिश करूंगा...लेकिन अच्छा लिख पाऊंगा या नहीं ये नहीं पता।
Mahi : तुम लिखो तो सही हमारी लव स्टोरी सबसे अच्छी होगी।
S : सबको ऐसा लगता है कि उनकी लव स्टोरी बेस्ट है। तुम भी ना...
Mahi : मुझे नहीं पता तुम लिखकर जल्दी से मेल कर दो।
S : क्या लिखूं कि कहानी की हीरोइन ये मानने को ही तैयार नहीं है कि कुछ रिश्ते साथ रहने के लिए नहीं बनते??
Mahi : नहीं...वहीं से शुरू करो तुम्हारा ऑफिस..दीदी का डेस्क...उसकी शादी की तस्वीर और तस्वीर देखकर तुम्हारा मुझे एक अंजान बनकर फोन करना। :)
S : फिर परियों की दुनिया में दोनों का रहना और हकीकत सामने आने उसे न मानने की जिद करना...
Mahi : काश ऐसा हो कि जैसे-जैसे तुम्हारा पेन चले और कहानी सच में वैसी ही चले। और कहानी का अंत हो कबूल है..कबूल है...कबूल है... :) :)
बोलो ना अब इंशाल्लाह...अब तो तुम जल्दी से नहीं बोल रहे हो ;)
इंशाल्लाह, आमीन :)
ReplyDeleteशुक्रिया...
Delete...कुछ रिश्ते साथ रहने के लिए नहीं बनते?
ReplyDeletebahut hi sundar...
माही तुम्हारी पोस्ट ,पोस्ट नहीं लगती....नहीं है न??????
ReplyDeleteकाश न हो....
love
anu
गहरे जज्बात ... कहानी जैसे बोल रही है ... भीगे एहसास को शब्दों का जामा पहनाती हुयी ... लाजवाब ...
ReplyDeleteThnk u :)
ReplyDeleteInshaallah, aapki love story zaroor rang layegi :)
ReplyDeleteThnk u Ghazala ji :)
Deleteखुबसूरत प्रवाह....बस बहते गई,बहते गई ,बहुत सुन्दर!
ReplyDelete:)
DeleteThnk u Vasundhara ji :)
कुछ कहानियां सिर्फ कहानियां नहीं होती..है ना???
ReplyDeleteआपको जितना पढ़ते जाता हूँ बिलकुल जानी पहचानी सी मालुम होते जा रही हैं आप...शायद ये हो सकता है की आपकी तरह की किसी लड़की को जानता हूँ :)
ReplyDeleteजो होकर भी न हुए जुदा...
ReplyDeleteन होंगे कभी! कुछ ऐसे भी रिश्ते होते हैं...